एक ऐसा सच जो आपको आज तक नहीं बताया गया ????
भारत में 3 लाख मस्जिदें हैं।
जो अन्य किसी देश में भी नहीं है ।
वाशिंगटन में 24 चर्च हैं
लन्दन में 71 चर्च
और इटली के मिलान शहर में 68 चर्च हैं।
जबकि अकेले दिल्ली में 271 चर्च हैं।
लेकिन हिन्दू फिर भी सांप्रदायिक है ?
किसी सेकुलर के पास इसका जवाब ???
मैंने ISIS का विरोध करते किसी मुस्लिम को नहीं देखा है।
पर RSS का विरोध करते हुए लाखो हिन्दू देखे है।
मैंने किसी मुस्लिम को होली दीवाली की पार्टी देते नहीं देखा है पर हिन्दुओ को इफ्तार पार्टी देते देखा है।
मैंने कश्मीर में भारत के झंडे जलते देखे है।
पर कभी पाकिस्तान का झंडा जलाते हुए मुसलमान नहीं देखा है।
मैंने हिन्दुओ को टोपी पहने मजारो पर जाते देखा है।
पर किसी मुस्लिम को टिका लगाते मंदिर जाते नहीं देखा है।
मैंने मिडिया को विदेशो के गुण गाते देखा है।
पर भारत के संस्कार के प्रचार करते नहीं देखा है।
कुछ तो इसे शेयर भी नहीं करेंगे।
करबद्ध निवेदन करता हूँ की कृपया अधिक से अधिक शेयर करे।
मैनें आज तक
राम बूट हाउस
लक्षमण लेदर स्टोर्स
माँ वैष्णो लस्सी भंडार
शंकर छाप तंबाकू,
बजरंग पान भंडार
गणेश छाप बीडी,
लक्ष्मी छाप पटाखे
कृष्णा बार ऐंड रेस्टारेंट
जय माँ अम्बे होटल ( चाय नाश्ता )
इस तरह के प्रोडक्ट और दुकाने आपको हर जगह पर दिखाई देंगी
लेकिन,
आज तक मेनें
अल्लाह छाप गुटका,
खुदा छाप बीडी
ईसा मसीह छाप तंबाकू बिकते नहीं देखा।
मुसलमान और ईसाई से
हम तथाकथित हिन्दू
यह सीखे की अपने धर्म का
सम्मान कैसे किया जाता है।
अपने भगवान् और उनके प्रतिक चिन्हों को
कचरे में
और रास्तो पर ना फेंके।
अपने धर्म का सन्मान करे।
संभव हो तो ऐसी चिन्हों वाली वस्तुए कतई ख़रीदे ही नहीं।
कंपनिया अपने आप सुधार में आ जायेगी।
कम से कम 1 लोगों को जरूर भेजे
।
कुछ अहंकारी आगे नही भेजेंगे !
कारण धर्म से ही
उनकी दुकान चलती है !
जनहित में जारी
वन्देमातरम............
1:33 PM
एक गाय सुखपूर्वक गौशाला में रहती थी
एक दिन बहुत जोरो की बारिश हो रही थी
और रात में एक भीगता हुआ कुत्ता आया
उसने गाय से पूछा
ए गाय माता, क्या हम आपकी गौशाला में आ जायें
एक कोने में पड़े रहेंगे।
गाय ने कुत्ते को शरण दे दी।
पीछे पीछे एक सांप आता है और शरण मांगता है
तो कुत्ता बीच में बोलता है कि हाँ हाँ आजाओ बहुत जगह है यहां पर
हालांकि की गाय को बुरा लगता है पर स्वभाववश वो शांत रहती है।
समय बीतने के साथ इसी तरह से बिच्छू सुअर गधा भी गौशाला में शरण ले लेते हैं
संख्या अधिक हो जाने से सबको कष्ट होने लगा
गाय फिर भी चुप रहती।
एक रात सारे शरणार्थी जानवर मिल कर फैसला करते हैं कि सबसे ज्यादा जगह तो ये गाय ही घेरे है तो क्यों न इस गाय को ही भगा दें।
और दूसरे दिन ही सब जानवर मिलकर गाय को गौशाला से बाहर करने में लग जाते हैं।
"भारत का हाल भी कुछ उसी गौशाला जैसा है, समझदारों के लिए इशारा काफी है।"
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