Wednesday, 18 April 2018

एक फौजी ने क्या खुब लिखा है हमें मत छुट्टी दो, मत भत्ता दो, बस काम यही अब करने दो, वेतन आधा कर दो,

एक फौजी ने क्या खुब लिखा है हमें मत छुट्टी दो, मत भत्ता दो, बस काम यही अब करने दो, वेतन आधा कर दो, लेकिन कुत्तों में गोली भरने दो, हर हर मोदी घर घर मोदी, यह नारा सिर के पार गया, इक दो कौड़ी का जेहादी, सैनिक को थप्पड़ मार गया, थप्पड़ खाएं गद्दारों के, हम इतने भी मजबूर नही, हम भारत माँ के सैनिक हैं कोई बंधुआ मजदूर नहीं, अब और नही लाचार करो, हम जीते जी मर जायेंगे, दर्पण में देख न पाएंगे, निज वर्दी पर शर्मायेंगे, या तो कश्मीर उन्हें दे दो, या आर पार का काम करो, सेना को दो ज़िम्मेदारी, तुम दिल्ली में आराम करो, इस राजनीती ने घाटी को सरदर्द बनाकर छोड़ा है, भारत के वीर जवानों को नामर्द बना कर छोड़ा है, भारत का आँचल स्वच्छ रहे, हम दागी भी हो सकते है, दिल्ली गर यूँ ही मौन रही, हम बागी भी हो सकते हैं, (एक माँ कश्मीर मे पिटने वाले फौजी बेटे से) फोन किया माँ ने बेटे को तूने नाक कटाई है, तेरी बहना से सब कहते बुजदिल तेरा भाई है! ऐसी भी क्या मजबुरी थी ऐसी क्या लाचारी थी, कुछ कुत्तो की टोली कैसे तुम शेरो पर भारी थी! वीर शिवा के वंशज थे तुम चाट क्यु ऐसे धुल गए, हाथो मे हथियार तो थे क्यु उन्हें चलाना भूल गये! गीदड़ बेटा पैदा कर के मैने कोख लजाई है, तेरी बहना से सब कहते बुजदिल तेरा भाई है!! (लाचार फौजी अपनी माँ से) इतना भी कमजोर नही था माँ मेरी मजबुरी थी, उपर से फरमान यही था चुप्पी बहुत जरूरी थी! सरकारे ही पिटवाती है हम को इन गद्दारो से, गोली का आदेश नही है दिल्ली के दरबारो से! गिन-गिनकर मैं बदले लूँगा कसम ये मैंने खाई है, तू गुड़िया से कह देना ना बुजदिल तेरा भाई है!! 20 मई तक सभी के मोबाइल में होना चाहिए, ये आप से विनम्र अनुरोध है, ताकि देश के वीर जवान को �ये अधिकार मिल सके।
 
 
 
एक लड़की बहुत देर से बस स्टॉप पे खड़ी थी। आदमी – कहाँ जाना है मैडम आपको? लड़की – भैया चांदनी चौक कौन सी बस जाती है। आदमी – 21 नंबर की। फिर वो आदमी वहां से चला गया। 1 घंटे बाद, आदमी – मैडम आप अभी तक गयी नहीं ? लड़की – अरे 18 बसें जा चुकी हैं 2 और चली जाएँ, फिर आएगी 21 नंबर की बस। आदमी बेहोश! एक औरत अपनी पड़ोसन को बता रही थी . “तुझे पता है , 20 साल तक मेरी कोई औलाद नहीं हुई ” . पड़ोसन हैरानी से : “तो फिर तूने क्या किया ?” . . औरत : "फिर मैं 21 साल की हुई तो मेरे पापा ने मेरी शादी कर दी ….. फिर जा के मुन्ना हुआ " पड़ोसन खड़े खड़े बेहोश हो गयी 
 
 
 
ना छुरी रखता हूँ ना पिसटल रखता हूँ जाट* का बेटा हूँ दिल मे जिगर रखता हूँ इरादो में तेज धार रखता हूँ इसलिए हमेशा अकेला ही निकलता हूंँ बंगले गाडीतो *जाट के घर घरकी कहानीहै तभी तो दुनियाँ *जाट की दिवानीहैं अरे मिट गये *जाट को मिटाने वाले क्योंकि आग में तपती जाट की जवानी है ये आवाज नही शेर कि दहाड़ हैं हम खडेहो जायें तो पहाड़ हैं सच्चे प्यार पर कुरबान हैं जाट यारी करे तो यारो के यार हैं जाट और दुशमन के लिये तलवार है जाट तभी तो दुनियाँ कहती है बाप रे बाप खतरनाक हैं जाट शेरों के बेटा शेर ही जाने जाते हैं लाखों के बीच जाट पहचाने जाते हैं' मौत देख कर किसी के पिछे छुपते नहीं हम जाट मरने से कभी डरते नहीं सुख को बाँटने का दुशमनको काटने का जीगर हम रखते हैं कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ तो भी कोई बात नहीं वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं बाँट दिया करते हैं प्रेम ईमानदारी सच्चाई अच्छाई दया सम्मान विश्वाश यही जाट की शान है गर्व से कहो *हम जाट है हमे जाट होने का गर्व है जाट की *यारी और शेरकी सवारी कोई बच्चोका खेल नहीं * jaat भाई हो तो इस मेसेज को *हर ग्रुप मे घुमा दो
6:04 PM
Share:

0 comments:

Post a Comment

Copyright © Raj Shree Degana | Powered by Blogger Design by ronangelo | Blogger Theme by NewBloggerThemes.com