एक लड़की थी रात को office से वापस लौट रही थी . देर भी हो गई थी... पहली बार ऐसा हुआ . और काम भी ज्यादा था तो Time का पता ही नहीं चला . वो सीधे auto stand पहुँची . . वहाँ एक लड़का खड़ा था वो लड़की उसे देखकर डर गई . कि कहीं उल्टा सीधा ना हो जाए . तभी वो लड़का पास आया . और कहा - बहन तू मौका नहीं जिम्मेदारी है मेरी . और जब तक तुझे कोई गाड़ी नहीं मिल जाती . मैं तुम्हे छोड़कर कहीं नहीं जाऊँगा don't worry. . . वहाँ से एक auto वाला गुजर रहा था . लडकी को अकेली लड़के के साथ देखा . तो तुरंत auto रोक दिया और कहा - कहाँ जाना है मैडम ?? . --आइये मैं आपको छोड़ देता हूँ लड़की auto में बैठ गई। . रास्ते में वो auto वाला बोला - तुम मेरी बेटी जैसी हो । . इतनी रात को तुम्हें अकेला देखा तो auto रोक दिया। . आजकल जमाना खराब है ना . .... . . और अकेली लड़की मौका नहीं जिम्मेदारी होती है। . . . . . . . लड़की जहाँ रहती थी वो एरिया आ चुका था। . . . . . . . . . . वो auto से उतर गई और auto वाला चला गया। . . . .. . लेकिन अब भी लड़की को दो 2 अंधेरी गलियों से होकर गुजरना था . . . . . . वहाँ से चलकर जाना था .. . . . तभी वहाँ से साईकल वाला गुजर रहा था .. . . . . . शायद वो भी काम से वापस घर की ओर जा रहा था . . . . . . . . लड़की को अकेली देखकर कहा - आओ! मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूँ . . . . . उसने . एक टोर्च लेकर उस लड़की के साथ अंधेरी गली की और निकल पड़ा . . . . . . . . . . . वो लड़की घर पहुँच चुकी थी। . . . . . . . आज किसी की बेटी, बहन सही
जाट के घर की रोटी, ब्राह्मण के घर की दाल। छप्पन भोग में भी नही ऐसा कमाल। जाट के घर का आचार बदल देता है विचार। जाट के घर का पानी। शुद्ध करे वाणी। जाट के घर के फल और फूल। उतार देती है जन्मों -जन्मों की घूल। जाट की छाया। बदल देती है काया। जाट के घर का रायता। मिलती है चारों और से सहायता। जाट के घर के आम। नई सुबह नई शाम जाट के घर का हलवा दिखाता है जलवा। जाट की सेवा। मिलता है मिश्री और मेवा।
0 comments:
Post a Comment