सावधान भारत! 1---सर्वोच्च न्यायालय ने, क्या एससीएसटी ऐक्ट, खत्म कर दिया है? 2---बिलकुल नहीं, केवल यही तो कहा है कि, शिकायत आने के बाद, तुरन्त गिरफ्तारी नहीं होगी, 3----पहले सत्यता की जाँच होगी, यदि तथ्य सही होगा तो, गिरफ्तारी होगी, 4----जमानत भी दी जा सकती है, तो अब विरोध क्यों? 5----क्या अंग्रेजों का शासन है? न वकील,न दलील, जब चाहो गिरफ्तार कर लो, जब तक चाहो जेल में रखो 6----क्या सभी एससीएसटी, शिकायत करने वाले, राजा हरिश्चन्द्र हैं? 7---ये जो कहें बस वही सही है? 8----ये आरक्षण नहीं छोड़ेंगे, 9----जिसको चाहेंगे जेल भेज देंगे, 10---पच्चीस प्रतिशत अंक पर, प्रोफेसर बन जाएंगे, 11----सवर्णो को अपशब्द कहेंगे, इन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं? 12----एक सवर्ण अत्याचार अधिनियम, क्यों नहीं बनता? 13----क्या अनुच्छेद चौदह मात्र, एससीएसटी के लिए ही है? 14-----सवर्ण क्या आत्महत्या कर लें? 15-----अन्याय जब चरम सीमा पर,हो जाता है तो, क्रांति कोई रोक नहीं सकता, 16----किसी को इतना न दबाया जाय, कि वह बागी बन जाये, 17----संविधान न्याय के लिए बनाया गया है,
सभी सवर्ण जातियों से मेरा अनुरोध है की अपना घर व अपने घर के सभी कार्य जैसे मोबाईल रिचार्ज/डी टी एच रिचार्ज/घर का राशन/परिवार के साथ बाहर खाना खाने और कोई भी कार्य न हो तो कम से कम एक पैकेट बिस्किट ही लेकर आयें लेकिन #2_अप्रैल को घर बाहर जरूर निकलें ताकि #एससी/#एसटीअधिनियम में हुये संशोधन के लिए भारत बंद को असफल बनाया जा सके जिससे देश हित में साहसिक फैसले लेने वाले #प्रधानन्यायमूर्तिभारतश्रीदीपकमिश्र को नैतिक बल प्रदान किया जा सके ताकि कुछ बहादुर सवर्ण राजनेता आरक्षण के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत कर सकें।इस सूचना को अधिक से अधिक सवर्ण तक पहुचाएं। संघे शक्ति कलियुगे। निवेदक- आरक्षण मुक्त भारत
जिसको आरक्षण दिया जा रहा है वो सामान्य आदमी बन ही नहीं पा रहा है.... जैसे किसी व्यक्ति को आरक्षण दिया गया और वो किसी सरकारी नौकरी में आ गया!अब उसका वेतन ₹5500 से₹50000 तक महीना है पर जब उसकी संतान हुई तो फिर वही से शुरुआत ! फिर वही गरीब पिछड़ा और सवर्णों के अत्याचार का मारा पैदा हुआ । उसका पिता लाखों रूपए सालाना कमा रहा है तथा उच्च पद पर आसीन है।सारी सरकारी सुविधाए ले रहा है। वो खुद जिले के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ रहा है और सरकार उसे पिछड़ा मान रही है। सदियों से सवर्णों के अत्याचार का शिकार मान रही है। आपको आरक्षण देना है बिलकुल दो पर उसे नौकरी देने के बाद सामान्य तो बना दो । यह आरक्षण कब तक मिलता रहेगा उसे ?? इसकी भी कोई समय सीमा तो तय कर दो कि बस जाति विशेष में पैदा हो गया तो आरक्षण का हकदार हो गया। *दादा जी जुल्म के मारे, बाप जुल्म का मारा तथा पोता भी जुल्म का मारा! वाह रे मेरे देश का दुर्भाग्य!* जिस आरक्षण से उच्च पदस्थ अधिकारी , मन्त्री , प्रोफेसर , इंजीनियर, डॉक्टर भी पिछड़े ही रह जायें, ऐसे असफल अभियान को तुरंत बंद कर देना चाहिए । जिस कार्य से कोई आगे न बढ़ रहा हो उसे जारी रखना मूर्खतापूर्ण कार्य है। हम में से कोई भी आरक्षण के खिलाफ नहीं, पर आरक्षण का आधार जातिगत ना होकर आर्थिक होना चाहिए। ""ऒर तत्काल प्रभाव से प्रमोशन में आरक्षण तो बंद होना ही चाहिए।नैतिकता भी यही कहती है।"" क्या कभी ऐसा हुआ है कि किसी मंदिर में प्रसाद बँट रहा हो तो एक व्यक्ति को चार बार मिल जाये ,और एक व्यक्ति लाइन में रहकर अपनी बारी का इंतजार ही करता रहे। आरक्षण देना है तो उन गरीबों ,लाचारों को चुन चुन के दो जो बेचारे दो वक्त की रोटी को मोहताज हैं...चाहे वे अनपढ़ हो । चौकीदार , सफाई कर्मचारी ,सेक्युरिटी गार्ड कैसी भी नौकरी दो....हमें कोई आपत्ति नहीं। ऐसे लोंगो को मुख्य धारा में लाना सरकार का सामाजिक उत्तरदायित्व है। परन्तु भरे पेट वालों को बार बार 56 व्यंजन परोसने की यह नीति बंद होनी ही चाहिए। जिसे एक बार आरक्षण मिल गया उसकी अगली पीढ़ियों को सामान्य मानना चाहिये और आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिये। क्या आप भी सहमत हैं ? यदि हां तो आगे Share करना न भूलें!
भीमराव का असल सरनेम तो "महार" था, एक ब्राह्मण ने ही गरीब भीमराव को संभाला और अंबेडकर नाम उनको दिया, और आज वो भीमराव अंबेडकर के नाम से जाने जाते है, ये अंबेडकर नाम उनको ब्राह्मण ने दिया, चूँकि वो एक अच्छे छात्र थे, इसलिए बड़ोदरा रियासत के मराठा महाराजा सयाजी गायकवाड ने उनको पढाई में मदद की, उनकी वकालत करवाई, नया जीवन दिया और इसी कारण भीमराव एक वकील बन पाए, और उसके बाद उन्होंने जीवन में जो किया उसके पीछे बड़ोदरा राज्य के क्षत्रिय महाराज ही थे !
सभी सवर्ण जातियों से मेरा अनुरोध है की अपना घर व अपने घर के सभी कार्य जैसे मोबाईल रिचार्ज/डी टी एच रिचार्ज/घर का राशन/परिवार के साथ बाहर खाना खाने और कोई भी कार्य न हो तो कम से कम एक पैकेट बिस्किट ही लेकर आयें लेकिन #2_अप्रैल को घर बाहर जरूर निकलें ताकि #एससी/#एसटीअधिनियम में हुये संशोधन के लिए भारत बंद को असफल बनाया जा सके जिससे देश हित में साहसिक फैसले लेने वाले #प्रधानन्यायमूर्तिभारतश्रीदीपकमिश्र को नैतिक बल प्रदान किया जा सके ताकि कुछ बहादुर सवर्ण राजनेता आरक्षण के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत कर सकें।इस सूचना को अधिक से अधिक सवर्ण तक पहुचाएं। संघे शक्ति कलियुगे। निवेदक- आरक्षण मुक्त भारत
अप्रैल फूल" किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!! पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस कह रहे हो !! पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल (अप्रैल फुल का अर्थ है - हिन्दुओ का मूर्खता दिवस).?? ये नाम अंग्रेज ईसाईयों की देन है… मुर्ख हिन्दू कैसे समझें "अप्रैल फूल" का मतलब बड़े दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है अप्रैल फूल, अप्रैल फूल ??? इसका मतलब क्या है.?? दरअसल जब ईसाइयत अंग्रेजो द्वारा हमे 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 1 अप्रैल से अपना नया साल बनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दुओ द्वारा मनाया जाता है, आज भी हमारे बही खाते और बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 1 अप्रैल से शुरू होते है, पर उस समय जब भारत गुलाम था तो ईसाइयत ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते हुए 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस "अप्रैल फूल" का नाम दे दिया ताकि हमारी सभ्यता मूर्खता लगे अब आप ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने सही हो आप.? यादरखो अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और त्यौहार 1. हिन्दुओं का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है (शुक्ल प्रतिपदा) 2. हिन्दुओ के रीति -रिवाज़ सब इस दिन के कलेण्डर के अनुसार बनाये जाते है। 6. आज का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है। अंग्रेज ईसाई, हिन्दुओ के विरुध थे इसलिए हिन्दू के त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे और आप हिन्दू भी बहुत शान से कह रहे हो.!! गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो अप्रैल फूल लिख के.!! अप्रैल फूल सिर्फ भारतीय सनातन कलेण्डर, जिसको पूरा विश्व फॉलो करता था उसको भुलाने और मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। 1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान जारी कर दिया जिसमें 1 जनवरी को नया साल का प्रथम दिन बनाया गया। जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया, उनको 1 अप्रैल को मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और धीरे- धीरे 1 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख दिवस बन गया।आज भारत के सभी लोग अपनी ही संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे है। जागो हिन्दुओ जागो।। अपने धर्म को पहचानो। इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी इस आने वाली 1 अप्रैल से मूर्खता का परिचय न दे और और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदुओं का मजाक बंद होजाये । जय हिन्द
मूर्खों का महा गठबन्धन --- जनक जी की सभा में जब किसी राजा से अकेले धनुष नहीं उठा तो मूर्ख राजाओं ने महा गठबन्धन करके संयुक्त रूप से धनुष में जोर लगाया ! भूप सहस दस एकहिं बारा! लगे उठावन टरै न टारा !! इस कुप्रयास को देख कर किसी ने पूछा कि, मानो धनुष टूट ही गया तो सीता जी तो एक ही हैं और आप हजारों हों , तो दूल्हा कौन बनेगा ? राजा बोले - पहले धनुष तोड़ेगे फिर हम सब आपस मे लड़ेगे मरेंगे कटेंगे , जो जिन्दा बचेगा वही राजा दूल्हा बनेगा ! यह है मूर्खों का गठबन्धन !! ( मात्र व्यंग भाव से पढ़ें)इसका राजनीति से कोई मतलब नहीं है
I... Love.. You... लड़के ने मरने के 3 मिनट पहले 2 मैसेज किये| पहला गर्लफ्रेंड को और दूसरा दोस्त को| मेसेज ये था- 'मैं जा रहा हूँ .. तुमसे बात करना चाहता हूँ| जल्दी से रिप्लाई करो....' पहला जवाब आया गर्ल फ्रेंड का - 'तुम कहाँ हो और कहाँ जा रहे हो| मैं अभी व्यस्त हूँ बाद मे बात करती हूँ... ' ये सुनकर उसे बहुत दुःख हुआ| फिर थोड़ी देर बाद दूसरा मैसेज दोस्त का आया - 'अबे अकेले कहाँ जा रहा है, रुक मैं भी आता हूँ...!! ये पढ़कर वो लड़का मुस्कुराया और बोला- 'आज फिर प्यार दोस्ती से हार गया...!!' . . ऐसी दोस्तों को सलाम दोस्ती प्यार से बढकर है...!! क्यों सही कहा ना...!! सभी दोस्तों को दिल से सलाम। ये मैसज उन दोस्तों को सेंड करो जिनको आप खोना नहीं चाहते मैंने तो कर दिया अब आपकी बारी है I...... Love....... .....you.... my all friend दोस्त"और "love" मे। बहुत बडा "फर्क " है। "love " कहता है: अगर" तुम्हे" कुछ हो गया तो मै जी नही पाउनगा। और "दोस्ती" कहता है: की "मेरे" होते "तुम्हे" कुछ नही होगा "पागल" सिर्फ अपने "खाश दोस्त" को भेजना,,,,,,,, मेरे लिए "तो आप खाश" हो,,, अगर "मै अपके लिए खाश" हु तो मुझे भी भेजना,,,, अगर आप को 5 reply आए तो *"you" are so" happy ..........happy dos
बाबा साहेब के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और मां का नाम भीमाबाई था। (फाइल)  योगी सरकार के इस फैसले के बाद अब उनका नाम डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर लिखा जाएगा। (फाइल) मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि राज्यपाल ने अंबेडकर के नाम में 'रामजी' जोड़ने की सलाह अखिलेश सरकार को भी दी थी। उन्होंने सलाह नहीं मानी। सपा-बसपा ने कहा योगी सरकार ऐसे बातें सामने लाकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाती है। लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सभी रिकॉर्ड्स में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ 'रामजी' जोड़ा जाएगा। योगी सरकार ने गुरुवार को राज्यपाल राम नाईक की सलाह के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर करने का आदेश जारी किया। उधर, बसपा और सपा ने कहा कि योगी सरकार काम का दिखावा करती है। कभी राम के नाम पर, कभी हनुमान के नाम पर तो कभी गाय के नाम पर लोगों का ध्यान भटकाती है। अब उसने आंबेडकर का सहारा लिया है। 'रामजी' के बिना बाबा साहेब का नाम अधूरा - गवर्नर राम नाईक लंबे वक्त से इसे लेकर एक कैंपेन चला रहे थे। उनका कहना है कि अंबेडकर महाराष्ट्र से जुड़े थे। लेकिन कभी भी उनके नाम के साथ पिता का नाम रामजी नहीं जोड़ा गया। उनका कहना था कि रामजी ना जोड़कर हम बाबा साहेब का अधूरा नाम लेते आए हैं। राज्यपाल ने गलत नाम लिखने पर जताई थी नाराजगी - दरअसल, पिछले साल दिसम्बर में राज्यपाल ने बाबा साहेब का नाम गलत लिखे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए जिस प्रकार से वह खुद लिखता हो। - बता दें कि आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम में अंबेडकर की जगह आंबेडकर लिखने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। बाबा साहेब खुद अपना नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखते थे - सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार के मुताबिक, राज्यपाल राम नाईक ने सरकार को संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति के संलग्नक की एक फोटो कॉपी भेजी थी, जिसमें बाबा साहब ने अपने हस्ताक्षर करते हुए डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा था। सपा, बसपा ने कहा- दिखावा करती है बीजेपी सरकार - बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने कहा- "बाबा साहब के नाम में संशोधन से बीजेपी को कोई फायदा नहीं मिलेगा। अगर बीजेपी बाबा आंबेडकर के मिशन को बढ़ाना चाहती हैं तो उन्हें दलितों के उत्थान के लिए काम करना चाहिए। इतने सालों बाद भी बीजेपी सरकार में आंबेडकर की मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। बीजेपी सब दिखावा कर रही है।" - सपा एमएलसी और प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा- "बीजेपी सपा-बसपा के गठबंधन से डर गयी है। गठबंधन के चलते बीजेपी यूपी की अपनी सबसे मजबूत सीट गोरखपुर हार चुकी है। बीजेपी बातों की वीर है। वह कभी राम के नाम पर, कभी हनुमान के नाम पर तो कभी गाय के नाम पर लोगों का ध्यान भटकाती है। अब आंबेडकर का सहारा लिया है।" मंत्री ने कहा- इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए - राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह का ने कहा- "सभी ऑफिसों में डॉ. भीम राव रामजी आंबेडकर की फोटो 1 अप्रैल से लगाई जाएंगी।" - नाम सही किए जाने पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा- "उनके सही नाम लिए जाने पर इतनी परेशानी क्यों हो रही है। राज्यपाल राम नाईक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी यही सलाह दी थी। उन्होंने इसे नहीं माना था। इस मामले में किसी को राजनीति नहीं करना चाहिए।" कौन थे भीमराव अंबेडकर? - डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश में हुआ था। पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और मां का नाम भीमाबाई था। वे 14वीं संतान थे। उन्होंने विदेश जाकर इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी, ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय थे।
Ye solve kro इसका जवाब दो, तो मानेंगे whatsapp King:
फोटोग्राफी का धंधा करते करते बीमार पति से उसकी बीवी बोली: इस बार किसी जानवर के डाक्टर को दिखाओ। तभी आप ठीक होगे। पति ने पूछा : वो क्यों? बीवी:- 1) रोज सुबह मुर्गे की तरह जल्दी उठ जाते हो| 2)रात भर उल्लु की तरह जागते हो। 3) घोडे की तरह भाग कर चले जाते हो। 4) गधे की तरह दिन भर काम करते हो। 5) लोमडी की तरह इधर उधर से इनफोरमेशन बटोरते हो। 6) बंदर की तरह पार्टी के इशारों पर नाचते कुदते हो। 7) घर आ कर परिवार पर कुत्ते की तरह चिल्लाते हो। 8) और फिर भैंस की तरह खा कर सो जाते हो। इंसानों का डाक्टर तुम्हें क्या खाक ठीक कर पायेगा? सभी फोटोग्राफर को समर्पित
एक गाँव में 10, साल का लड़का अपनी माँ के साथ रहता था। माँ ने सोचा कल मेरा बेटा मेले में जाएगा, उसके पास 10 रुपए तो हो, ये सोचकर माँ ने खेतो में काम करके शाम तक पैसे ले आई। बेटा स्कूल से आकर बोला खाना खाकर जल्दी सो जाता हूँ, कल मेले में जाना है। सुबह माँ से बोला - मैं नहाने जाता हूँ,नाश्ता तैयार रखना, माँ ने रोटी बनाई, दूध अभी चूल्हे पर था..! माँ ने देखा बरतन पकडने के लिए कुछ नहीं है, उसने गर्म पतीला हाथ से उठा लिया, माँ का हाथ जल गया। बेटे ने गर्दन झुकाकर दूध रोटी खाई और मेले में चला गया। शाम को घर आया,तो माँ ने पूछा - मेले में क्या देखा,10 रुपए का कुछ खाया कि नहीं..!! बेटा बोला - माँ आँखें बंद कर,तेरे लिए कुछ लाया हूँ। माँ ने आँखें बंद की,तो बेटे ने उसके हाथ में गर्म बरतन उठाने के लिए लाई सांडसी रख दी। अब माँ तेरे हाथ नहीं जलेंगे। माँ की आँखों से आँसू बहने लगे। दोस्तों, माँ के चरणों मे स्वर्ग है, कभी उसे दुखी मत करो..! सब कुछ मिल जाता है, पर माँ दुबारा नहीं मिलती। मेरी माँ मां से प्यार करते हो तो आगे शेयर जरुर करना. आपको आपके MAA की कसम आगे पड़ो I LOVE MY MOM
मैं शराब की बोतल लेकर घर की तरफ़ जा रहा था। रास्ते में पड़ौस में रहने वाले पण्डित जी मिल गए और कहने लगे: भाई, तुम शराब पीते हो, तुम नरक में जाओगे। इस पर मैंने पूछा: जनाब, लेकिन कोई शराब बेचता है तभी तो मैं ख़रीदता हूँ। उस सुरेश का क्या होगा जो शराब बेचता है? पण्डित: वो भी नरक की आग में जलेगा। मैंने फिर पूछा: तो उस रमेश का क्या होगा जो शराब की दूकान के बाहर चिकन बेचता है? पंडित: वो तो सौ फ़ीसद नरक जायेगा। मैंने फिर पूछा: और वो नाचने वाली पिंकी? पंडित: ये सब नरक में जायेंगे। मैं बोला: फिर क्या दिक़्क़त है नरक जाने में? जब शराब वाला वहां होगा, चिकन वाला वहां होगा और नाचने वाली पिंकी वहां होगी। फिर तो वो स्वर्ग ही हुआ ना। पंडित जी तब से मेरे साथ ही बैठे हैं, तीन पेग के बाद सलाद काट रहे हैं। सेल्फी लेने से मना कर रहे हैं।
उपवास की नई स्टाईल
चार मित्र थे.. Fake ID में नाम हिन्दुओं के - 1 सोहराब - सुनील यादव 2 सरफराज - अमित मिश्रा 3 हामिद कुरैशी - नागेंद्र कुमार पासवान 4 अहमद - सुरेन्द्र सिंह अब सुनील यादव (सोहराब) पोस्ट डालता हैं कि - *धर्म के नाम पर ब्राह्मणों ने हमेशा हमारा शोषण किया है कोई देवी देवता नहीं होता हिन्दू धर्म सिर्फ ब्राह्मणों का बकवास है ये सब बीजेपी और आरएसएस वाला है।" अब शुरू होता है इस नाटक के बाकि तीनो किरदारों का तमाशा देखिए कमेंट बॉक्स में। Comment सुरेंद्र सिंह उर्फ (अहमद)- "ऐ सुनील यादव खबरदार जो हिन्दू धर्म के बारे में कुछ बोला तुम यादव लोग हिन्दू नहीं हो सकते #$%2-4 गाली लिख देता है।" फिर बारी आती है तीसरे नौटंकी बाज की- नागेंद्र पासवान उर्फ (हामिद) नमो बुद्धाय जय भीम। "अरे भाईलोगों गाली गलौज क्यों कर रहे सच्चाई तो कड़वी होती ही है तुम लोग हम दलितों को मंदिर में घुसने नहीं देते हो ये धर्म नहीं पाखण्ड है इससे अच्छा तो इस्लाम है सभी बराबर खड़े हो कर नमाज पढ़ते हैं।" अब तीसरा नौटंकी बाज आता है कमेंट बॉक्स में- अमित मिश्रा उर्फ (सरफ़राज़) "हाँ.. हाँ.. तुम लोग अछूत हो तो क्यों घुसने दे मंदिर में?? जाओ इस्लाम ही अपना लो तुम सब मूर्ख हो कौन मुंह लगाए तुझे। ------------- मित्रों सिर्फ इन चार की इतनी सी नौटंकी जबकि चारो एक ही समुदाय के हैं। मात्र इतनी नौटंकी के बाद कई हिन्दू यादव, राजपूत, ब्राह्मण और दलित सभी तुरंत इस कमेंट बॉक्स में अपनी-अपनी जाति के समर्थन में बिना सोचे-समझे बिना अगले किसी fake id को जाने समझे आपस में एक दूसरे से लड़ने लगते हैं और हमारे जातिवाद का फायदा उठाने वाले वो चारो हमारी मूर्खता पर अट्टहास लगा कर हँसते हैं। देश के अंदर -बाहर से दुश्मन घात लगा कर बैठा है मौके की तलाश में, और इस प्रकार हिंदूओं में आपसी फूट डाल कर लड़ाते हैं। विचार करें- ऐसे लाखों सोहराब और सरफराज दिन रात सोशल मिडिया पर तुम सबको तोड़ने और लड़ाने के लिए काम कर रहे हैं। ज़िहाद अपने चरम पर है हर स्तर से हिंदुत्व को क्षति पहुंचाने पर कार्य हो रहा है वो भी युद्धस्तर पर। इसे शेयर करें या काॅपी-पेस्ट, बस यह पोस्ट हर वाल पर होनी चाहिए....।
टीचर: परेशान क्यों हो? पप्पू ने कोई जवाब नहीं दिया। टीचर: क्या हुआ, पेन भूल आये हो? पप्पू फिर चुप। टीचर: रोल नंबर भूल गए हो? टीचर फिर से: हुआ क्या है, कुछ तो बताओ क्या भूल गए? पप्पू गुस्से से: अरे! यहां मैं पर्ची गलत ले आया हूं और आपको पेन-पेंसिल की पड़ी है।
ट्रोले एंव वेन की भिड़ंत में वैन चालक की मौत तीन हुए घायल बीकानेर जयपुर नेशनल हाइवे 89 पर नागोर अजमेर जिले की सीमा स्थित बाड़ी घाटी में आज सुबह ट्रोले ओर वैन की भिड़ंत आमने सामने हुई जबरदस्त भिड़ंत में वैन चालक कल्यानीपुरा अलवर गेट अजमेर निवासी शिवा रेगर की दर्दनाक मौत हो गई तो वैन में बैठी सवारियों में से तीन घायल हो गई मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दुघटनाग्रस्त वाहनों को हटाकर जाम खुलवाया ओर घायलो को तुरंत अस्पताल पहुंचाया तथा वैन चालक के चिथड़े उड़ जाने के कारण शव को पोटली में बांधकर पुलिस पुष्कर अस्पताल के चीरघर में रखवाई वैन पीह सहित आस पास के गांवों में प्रतिदिनकी भांति आज भी अखबार सप्लाई करके वापसी में सवारियों को बिठाकर अजमेर आ रही थी की बॉडी घाटी में सामने से सीमेंट से भरे ट्रोले जा टकराई टक्कर इतनी खतरनाक थी कि वैन के परखच्चे उड़ गए।पुलिस ने दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर थाने लेकर आ गई। अनिल सर संपादक बदलता पुष्कर
#कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष #सचिनपायलट ने लोकदेवता #वीरतेजाजी महाराज के तेजाभक्तों व #जाट समाज का किया अपमान... आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पायलट ने #नागौर जिले में लोकदेवता वीर तेजाजी महाराज के जन्मस्थली #खरनाल में जाट समाज व तेजाजी महाराज का अपमान किया। यह पायलट में घमंड दर्शाता है। इस तरह का अपमान करके पूरे प्रदेश की जनता व जाट समाज #तेजाभक्तों के दिल को ठेस पहुंचाई और उनको आहत किया है। #जोधपुर से नागौर होते हुए #बीकानेर जाते समय खरनाल के लोगों को मैसेज भिजवाया कि मैं तेजाजी के #दर्शन करूंगा, और गांव के आसपास के लोगों को आमंत्रित किया। स्वागत समारोह भी रखा गया, लेकिन पायलट खरनाल में गाड़ी के ब्रेक तक नहीं किए और न ही रूके सीधे नागौर निकल गए, वहां गांव में खड़े लोगों व मंदिर कमेटी का #अपमान करते हुए अपनी लोकदेवता वीर तेजाजी व जाट समाज के प्रति कितनी आस्था व ओछी मानसिकता हैं उसका परिचय दे दिया। वहां खड़े कुछ #कांग्रेसी भी मुंह लटकाकर पायलट के पीछे रवाना हो गए। इस अपमान के कारण प्रदेश की जाट समाज व नागौर पूरा जिला कांग्रेस व #पायलट को माफ नहीं करेंगे, इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस घमंड को जनता नेस्तानाबूद कर देंगे।
लोगों ने पायलट के खिलाफ आक्रोश जताया। और वीर तेजाजी महाराज के मंदिर कमेटी ने प्रेस बयान जारी कर निंदा की और इस प्रकार से धार्मिक व तीर्थस्थान का अपमान करके जनभावनाओं को आहत किया है। I hu #PCCChief #RPCC #Congress #SachinPailet #Rajasthan #Kharnal #Nagaur #Nagour #Lokdewta #VeerTejaji #लोकदेवता #वीरतेजाजी
कातिया : काशिनाथ हमें खुशी हुई तुम्हारा काम देखकर तुम्हे भी खुशी होगी ये जानकर के आज के बाद तुम म्हारे साथ लामणी करोगेे
एडमिन का मतलब . A--- आवारा
Mazak Mazak me
"जब" "कोई" "तुम्हारा" "दिल" "दुखाये" "मजाक" "उड़ाए' "तो" "चुप" "रहना" "बेहतर" "है", "क्योंकि" "जिन्हें" "हम" "जवाब" "नहीं" "देते"... "उन्हें" वक्त "जवाब" "जरुर" "देता" "है"!! "जीवन" "का" "सबसे" "बड़ा" "गुरु" वक्त "होता" "है", "क्योंकि" "जो" वक्त "सिखाता" "है"... "वो" "कोई" "नहीं" "सीखा" "सकता"!! "अपनापन" "तो" "हर" "कोई" "दिखाता" "है", "पर" "अपना" "कौन" "है"... "ये" "तो" वक्त "बताता" "है"!! "किसी" "की" "मजबूरियाँ" "पे" "ना" "हँसिये"... "कोई" "मजबूरियाँ" "ख़रीद" "कर" "नहीं" "लाता", "डरिये" वक्त "की" "मार" "से"... "बूरा" वक्त "किसी" "को" "बताकर" "नहीं" "आता"!! "सदा" "उनके" "कर्जदार" "रहिये", "जो" "आपके" "लिये"... "कभी" "खुद" "का" वक्त "नहीं" "देखते"!! वक्त "की" "यारी" "तो" "हर" "कोई" "करता" "है" "मेरे" "दोस्त", "मजा" "तो" "तब" "है"... "जब" वक्त "बदल" "जाए" "और" "यार" "ना" "बदले"!! "एक-दुसरे" "के" "लिये"... "जीने" "का" "नाम" "ही" "जिंदगी" "है", "इसलिये" वक्त "उन्हें" "दो"... "जो" "तुम्हें" "चाहते" "हैं" "दिल" "से"!!
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