ये हुई ना बात!...


?
उत्तरप्रदेश के हाथरस में एक कॉलेज के प्रिंसिपल,जिनका नाम वीरेंद्र पुरी है । इन महोदय ने जातिगत आरक्षण को मुँह तोड़ जवाब दिया है |
कैसे?
जैसे कि सरकार ने GENERAL और OBC/SC/ST VJNT आदि जातिगत आरक्षण में बाँटा है
प्रिंसिपल पुरी ने भी सभी छात्रों को ठीक उसी प्रकार
GENERAL और OBC/SC/ST... A B C D कक्षाओ में बाँट दिया |
और ऐसे ही शिक्षकों को भी बाँट दिया
जैसे जनरल छात्रों को 'जनरल' शिक्षक पढ़ाएंगे,
ओबीसी को ओबीसी,
और SC को SC के शिक्षक,
और ST को ST के शिक्षक पढ़ाएंगे|
इस फार्मूले को प्रिं वीरेन्द्र पुरी जी ने खोजा इसलिए
इसे # चाणक्य फार्मूला कहा जा रहा है |
जल्दी ही इसे, चिकित्सा के क्षेत्र में भी लागू करने की योजना है|
सभी अच्छे सुलझे लोग इसके समर्थन में हैं|
मुझे व्यतिगत तौर पर यह सिस्टम बहुत अच्छा लगा|
इसे पूरे देश में लागू होना चाहिए।
आपकी क्या राय है ?
जरूर बताएं
आखिर पोल तो खुले इस आरक्षण की ।
सहमत हों तो कृपया देशहित में सब साक्षरों में बाँटें ...
( शेयर करें|)


जय बुटाटी धाम ये sms जरूर सबको भेजना ........ एक हैदराबाद की औरत ने लकवे की हालत में सपना देखा; की चुतुरदास महाराज उसे पानी पीला रहे है। सुबह जब वह औरत जागी; तो वह ठीक हो चुकी थी। और उसके पास एक टुकड़ा पड़ा था; जिस पर लिखा था;" chutardash is the Living god in the word"उसने लोगों को बताया । एक आफिसर ने यह sms लोगों को भेजा तो उसे pramotion मिला। एक आदमी ने delete कर दिया। तो उसने अपना सब कुछ 13 दिनों में खो दिया। ........ये sms आप 13लोगों को भेज के देखो। आप के 7 sms आप का भाग्य बदल देगा। please don't break the chain......
संविधान का निर्माण चल रहा था।। सरदार पटेल भी संविधान निर्माताओं की लिस्ट में शामिल थे। अम्बेडकर ने आरक्षण की मांग का तुर्रा छोड़ दिया। सरदार पटेल-- आरक्षण गलत है हटाओ इसे । अम्बेडकर -"नहीं,ये मेरी कौम के लोगों के लिए है।" सरदार---'कौन सी तुम्हारी कौम? हम सब भारतीय हैं, आज़ादी के बाद आज देश का हर वर्ग भूखा नंगा है...इसलिए किसी वर्ग विशेष को ये सुविधा देना गलत है...।" अम्बेडकर ( लगभग चीखते हुए) --"मैं आरक्षण देना चाहता हूँ,अगर मुझे रोका गया तो मैं कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगा।" सरदार --- "देखो भीमराव, तुम वो नहीं देख पा रहे जो मैं देख पा रहा हूँ। स्वार्थ की राजनीति ने तुम्हारी आँखों में पट्टी बाँध दी है। अगर आज किसी जाति विशेष को आरक्षण दिया गया तो भविष्य के भारत में रोज एक नई जाति आरक्षण मांगेगी और देश की अखंडता पर खतरा उत्पन्न होगा....जो दलित और गरीब है उनके लिए हम दूसरे हर तरह के उपाय करने को तैयार हैं..जैसे मुफ़्त शिक्षा, मुफ़्त स्कूल, उनके लिए सस्ते घर, रोजगार इत्यादि.... हम उन्हें इतना काबिल बनाये ताकि वो खुद के दम पर आगे बढ़ सके ... न कि आरक्षण की बैशाखी से ..तुम किसी अयोग्य को सत्ता पर बैठाकर देश को बर्बाद क्यों करना चाहते हो?" अम्बेडकर (चीखते हुए)- "आरक्षण होकर रहेगा.....!" ये सुनकर लौह पुरुष सरदार पटेल,जो कभी किसी के आगे नहीं झुकते थे मजबूरी में उन्हें अम्बेडकर के कमरे से बाहर आना पड़ा और नेहरू से उन्होंने कहा था कि "ये आपने किस बीमार मानसिकता वाले व्यक्ति को ड्राफ्टिंग कमिटी का अध्यक्ष बना दिया, ये तो मानसिक उन्मादी प्रतीत होता है। इसमें दूरदर्शिता की भारी कमी है और अंग्रेज़ियत मानसिकता की गन्दगी भरी है। अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो कब का इसे इसके पद से हटा चुका होता। ये व्यक्ति भारत का दुर्भाग्य साबित होगा। तन से ज्यादा इसका मन काला है। हम हर गरीब दलित के हक़ की बात करने को तैयार है लेकिन इसका अर्थ ये तो नहीं की भूखे मर रहे सवर्णों की क़ुरबानी दे दी जाये?" ये सुनकर नेहरू मौन थे...उनके पास कोई जवाब न था... सरदार पटेल की मृत्यु हो चुकी थी । भारत का नया संविधान बन कर तैयार था जानकार कहते हैं कि अगर सरदार ज़िंदा होते तो भारत का वो संविधान जो अम्बेडकर ने पेश किया था, लागू न हो पाता । क्योंकि हमारा संविधान देश को बर्बाद करने वाले एक कीटाणु की तरह हे। आज की परस्थितियों को देखें तो यह बात बिलकुल सही साबित होती दिख रही है। कम योग्यता वाले व्यक्ति समाज के उच्च पदों पर बैठे हैं। आरक्षण की वजह से जो चपरासी की योग्यता वाले है वह डॉक्टर, जज, इंजिनियर जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे है जिससे देश को कोई लाभ नहीं बल्कि नुकसान हो रहा हे। अगर इसे तत्काल नहीं रोका गया तो देश को इतना नुकसान होगा कि उसको पूरा नहीं किया जा सकता । जिन्हें भी इस मैसेज में सच्चाई समझ में आए और लगे कि इस विषय में कुछ होना चाहिए वह इस मैसेज को और लोगों तक भेजे और इसे एक मुहिम बनाये। भारत माता की जय। आरक्षण हटाओ देश बचाओ..
जय बुटाटी धाम ये sms जरूर सबको भेजना ........ एक हैदराबाद की औरत ने लकवे की हालत में सपना देखा; की चुतुरदास महाराज उसे पानी पीला रहे है। सुबह जब वह औरत जागी; तो वह ठीक हो चुकी थी। और उसके पास एक टुकड़ा पड़ा था; जिस पर लिखा था;" chutardash is the Living god in the word"उसने लोगों को बताया । एक आफिसर ने यह sms लोगों को भेजा तो उसे pramotion मिला। एक आदमी ने delete कर दिया। तो उसने अपना सब कुछ 13 दिनों में खो दिया। ........ये sms आप 13लोगों को भेज के देखो। आप के 7 sms आप का भाग्य बदल देगा। please don't break the chain......
संविधान का निर्माण चल रहा था।। सरदार पटेल भी संविधान निर्माताओं की लिस्ट में शामिल थे। अम्बेडकर ने आरक्षण की मांग का तुर्रा छोड़ दिया। सरदार पटेल-- आरक्षण गलत है हटाओ इसे । अम्बेडकर -"नहीं,ये मेरी कौम के लोगों के लिए है।" सरदार---'कौन सी तुम्हारी कौम? हम सब भारतीय हैं, आज़ादी के बाद आज देश का हर वर्ग भूखा नंगा है...इसलिए किसी वर्ग विशेष को ये सुविधा देना गलत है...।" अम्बेडकर ( लगभग चीखते हुए) --"मैं आरक्षण देना चाहता हूँ,अगर मुझे रोका गया तो मैं कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगा।" सरदार --- "देखो भीमराव, तुम वो नहीं देख पा रहे जो मैं देख पा रहा हूँ। स्वार्थ की राजनीति ने तुम्हारी आँखों में पट्टी बाँध दी है। अगर आज किसी जाति विशेष को आरक्षण दिया गया तो भविष्य के भारत में रोज एक नई जाति आरक्षण मांगेगी और देश की अखंडता पर खतरा उत्पन्न होगा....जो दलित और गरीब है उनके लिए हम दूसरे हर तरह के उपाय करने को तैयार हैं..जैसे मुफ़्त शिक्षा, मुफ़्त स्कूल, उनके लिए सस्ते घर, रोजगार इत्यादि.... हम उन्हें इतना काबिल बनाये ताकि वो खुद के दम पर आगे बढ़ सके ... न कि आरक्षण की बैशाखी से ..तुम किसी अयोग्य को सत्ता पर बैठाकर देश को बर्बाद क्यों करना चाहते हो?" अम्बेडकर (चीखते हुए)- "आरक्षण होकर रहेगा.....!" ये सुनकर लौह पुरुष सरदार पटेल,जो कभी किसी के आगे नहीं झुकते थे मजबूरी में उन्हें अम्बेडकर के कमरे से बाहर आना पड़ा और नेहरू से उन्होंने कहा था कि "ये आपने किस बीमार मानसिकता वाले व्यक्ति को ड्राफ्टिंग कमिटी का अध्यक्ष बना दिया, ये तो मानसिक उन्मादी प्रतीत होता है। इसमें दूरदर्शिता की भारी कमी है और अंग्रेज़ियत मानसिकता की गन्दगी भरी है। अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो कब का इसे इसके पद से हटा चुका होता। ये व्यक्ति भारत का दुर्भाग्य साबित होगा। तन से ज्यादा इसका मन काला है। हम हर गरीब दलित के हक़ की बात करने को तैयार है लेकिन इसका अर्थ ये तो नहीं की भूखे मर रहे सवर्णों की क़ुरबानी दे दी जाये?" ये सुनकर नेहरू मौन थे...उनके पास कोई जवाब न था... सरदार पटेल की मृत्यु हो चुकी थी । भारत का नया संविधान बन कर तैयार था जानकार कहते हैं कि अगर सरदार ज़िंदा होते तो भारत का वो संविधान जो अम्बेडकर ने पेश किया था, लागू न हो पाता । क्योंकि हमारा संविधान देश को बर्बाद करने वाले एक कीटाणु की तरह हे। आज की परस्थितियों को देखें तो यह बात बिलकुल सही साबित होती दिख रही है। कम योग्यता वाले व्यक्ति समाज के उच्च पदों पर बैठे हैं। आरक्षण की वजह से जो चपरासी की योग्यता वाले है वह डॉक्टर, जज, इंजिनियर जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे है जिससे देश को कोई लाभ नहीं बल्कि नुकसान हो रहा हे। अगर इसे तत्काल नहीं रोका गया तो देश को इतना नुकसान होगा कि उसको पूरा नहीं किया जा सकता । जिन्हें भी इस मैसेज में सच्चाई समझ में आए और लगे कि इस विषय में कुछ होना चाहिए वह इस मैसेज को और लोगों तक भेजे और इसे एक मुहिम बनाये। भारत माता की जय। आरक्षण हटाओ देश बचाओ..
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